निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज से कोरोना संक्रमित हुई दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम के पुलिसकर्मी बुरी तरह टूट चुके हैं। क्योंकि, उन्हें अस्पतालों में न तो कोई सुविधाएं मिल रही हैं और न ही अपराध शाखा के वरिष्ठ अधिकारी उनकी सुध ले रहे हैं। इसे दुखद कहें या सिस्टम की लापरवाही।
संक्रमित होने के बावजूद एक सिपाही को अस्पताल से एक ही दिन में घर भेज दिया गया। इससे उसके परिवार को भी खतरा बढ़ गया है। अब तक जांच टीम कुल चार पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। ये स्पष्ट हो चुका है कि पुलिसकर्मी मरकज से कोरोना संक्रमित हुए हैं।
मरकज मामले की जांच पर नजर रख रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मरकज की बंगले वाली मस्जिद में जाने के बाद जांच टीम की तबीयत ढीली होने लगी थी। 19 अप्रैल को एक सिपाही का कोरोना टेस्ट कराया गया, जो कि पॉजिटिव निकला। 22 अप्रैल को दो पुलिसकर्मियों का टेस्ट कराया। इनकी रिपोर्ट दो मई की शाम तक नहीं आई। 28 अप्रैल को सात पुलिसकर्मियों का टेस्ट कराया। इनमें से तीन की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ये सभी टेस्ट अंबेडकर अस्पताल में हुए थे।
सभी पुलिसकर्मियों को शालीमार बाग स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से एक सिपाही को एक दिन ही अस्पताल में रखने के बाद घर भेज दिया गया। इस बात से जांच टीम के पुलिसकर्मी दुखी हैं। जो तीन पुलिसकर्मी अस्पताल में हैं, उन्हें सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। कोई सीनियर पुलिस अधिकारी हालचाल तक नहीं पूछ रहा है।
दिल्ली पुलिस से सिपाहियों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि भी नहीं मिली है। सहायता राशि की फाइल को रोक दिया गया है। हालांकि, अपराध शाखा ने नए सिरे से फाइल को आगे बढ़ाया है। अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह जांच करें या अपने पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों की देखभाल करें।